#बचपन
इस टूटे तारे से गुजरा वक़्त मांग लु
इस जवानी से वो बचपन मांग लु ।
वो बिना ताज का राज बन के,
पिता से जिद्द का हक मांग लु।
वो दिल का तराना गा के,
शरारत करने का हक मांग लु।
वो मां का थप्पड़ खा के,
छुप के हसने का तजुरबा मांग लु।
इस जिंदगानी से बचपन नहीं,
बस,थोड़ासा बचपना मांग लु।
महेक परवानी
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